Menu
blogid : 16502 postid : 675221

‘आप’ ने बुहारने से पहले ही झाड़ू तोड़ ली |jagran junction forum

ijhaaredil
ijhaaredil
  • 83 Posts
  • 164 Comments

दिल्ली में सरकार गठन को लेकर लम्बे समय से चली आ रही अनिश्चितता
एवं असमंजस की स्थिति आखिरकार ख़त्म हो गयी | अब दिल्ली में ‘आप’ के सरवरा श्री अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में कांग्रेस समथित सरकार गठित होने जा रही है |

लेकिन अब प्रश्न यह उठता है कि अरविन्द केजरीवाल का कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना नैतिक और राजनैतिक दृष्टि से कितना उचित है | ‘आमआदमी पार्टी’ अन्ना द्वारा चलाये गये भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को मिले जनता के समर्थन का राजनैतिक रूप है | पिछले दस साल से केंद्र में तथा पंद्रह साल से दिल्ली में कांग्रेस सरकार चला रही है | इस दौरान अनेक घोटाले जैसे कि टू जी स्पेक्ट्रम, कोयला, व् अन्य के घोटाले सामने आये | इन सभी से त्रस्त होकर अन्ना साहिब को अपना आंदोलन छेड़ना पड़ा | इस आंदोलन को जनता का पूरे जोश एवं जुनून से सहयोग मिला |

अन्नाजी के विरोध के वावजूद भी केजरीवाल साहिब ने आंदोलन को राजनैतिक मंच प्रदान कर दिया तथा ‘आमआदमी पार्टी’ गठन कर दिल्ली चुनाव में उतर गए | केजरीवाल ने दिल्ली कि दुर्गति के लिए शीला सरकार को जमकर कोसा | कांग्रेस पर तीखे प्रहार किये | उसे भ्रष्टचारिओं की पार्टी बताया | मंहगाई के लिए जिम्मेदार बताया | जनता जो कि कांग्रेस के कुशासन से पीड़ित हो गयी थी, उसने ‘आप’ को सर माथे पर बैठाया, जिसका सबूत 28 सीटें हैं | हालांकि भाजपा को सर्वाधिक 32 सीटें मिलीं | लेकिन ये तो साफ़ है की जनता कांग्रेस को नहीं चाहती है | अन्य तीन राज्यों के चुनाव परिणाम भी यही दर्शाते हैं |

परिणाम आने के पश्चात् ‘आप’ ने कहा की वह न तो कांग्रेस के साथ सरकार बनाएगी और न ही भाजपा के साथ | वह विपक्ष में बैठने या दोबारा चुनाव के लिए तैयार है | अचानक उनकी यह रणनीति बदली और रायशुमारी के नाम पर एक नाटक करके फैसला ले लिया की वह कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे | क्या यह जनता के साथ धोखा नहीं है |

केजरीवाल कहते हैं कि वह जानते हैं कि कांग्रेस उनकी सरकार को गिरा देगी लेकिन वह अपनी नीतिओं को लागू करना जारी रखेंगे | अब यह बात समझ में नहीं आती कि जब सरकार कांग्रेस के साथ मिलकर चलेगी तो पुरानी सरकार के नेताओं के खिलाफ निष्पक्ष जांच कैसे हो पायेगी |

केजरीवाल साहिब ने सरकार बनाने का फैसला लेकर जनता कि भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है | उन्होंने ने भी यही संदेश दे दिया है कि जो राजनीती में आ जाता है वह मौकापरस्त, धोखेबाज, नाटकबाज हो जाता है | कांग्रेस का निमंत्रण स्वीकार कर लेने से पहले केजरीवाल को यह तो सोच लेना चाहिए था कि आज देश में कांग्रेस की क्या स्थिति है | लोग उसके घोटालों से त्रस्त हो गए हैं | यहाँ पर मुझे रहीमदास जी के ये पंक्तियाँ याद आ रही हैं कि:-
” कदली, सीप, भुजंग मुख, स्वाति एक गुण तीन,
जैसी संगति बैठिये, तैसो ही फल दीन”
अर्थात कांग्रेस जैसे भुजंग के मुख में पड़कर ‘ आप’ को भी जहर ही बनना है| लोगों में आम आदमी पार्टी की छवि खराब होगी | इसीलिए तो कहता हूँ कि ‘आप’ ने बुहारने से पहले ही झाड़ू तोड़ ली |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh