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किसको चुनेँ प्रधानमन्त्री? Jagran junction forum

ijhaaredil
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चुनाव आयोग द्वारा आगामी लोकसभा चुनावोँ की तारीखेँ घोषित किये जाने साथ ही सभी राजनैतिक दलोँ ने अपनी लामबन्दी शुरू कर दी है । वैसे तो मुख्य मुकाबला नरेँद्र मोदी और राहुल गाँधी के बीच है, लेकिन अन्य दलोँ के नेता भी इस जुगत मेँ बैठे हैँ कि शायद माला उनमेँ से ही किसी एक के गले मेँ पङ जाये । अब मतदाता के सामने असमंजस की स्थिति होती है कि वह किसके पक्ष मेँ मतदान करे कि सभी प्रत्याशी एक दूसरे की कब्र पर खङे होकर अपनेआप को उँचा दिखाना चाहता है । आइये एक नजर डालेँ प्रधानमन्त्री पद के सम्भावित उम्मीदवारोँ पर :

1. नरेन्द्र मोदी :- कहा जा रहा है कि देश मेँ इनके नाम की लहर चल रही है । गुजरात का विकास श्रीमानजी की देन है । लेकिन अपने भाषणोँ मेँ सिर्फ शहजादे व काँग्रेस पार्टी को कोसते नजर आते हैँ ।
2. राहुल गाँधी:- उच्च कुल मेँ जन्म के सिवाय कोई खूबी शायद ही हो । इनकी उम्मीदवारी को देखकर तो लगता है कि हम मध्यकाल और प्राचीनकाल की ओर लौट रहे हैँ, जिन दिनोँ राजा का बेटा राजा होता था । हमारा इतिहास ऐसे अनगिनत उदाहरणोँ से भरा है, जब राजाओँ ने अपने बालक पुत्रोँ को गद्दी पर बिठा दिया । विजयनगर साम्राज्य के राय कृष्णदेव ने अपने 6 वर्षीय पुत्र के लिए गद्दी छोङी । अंग्रजोँ ने टीपू सुल्तान को हराकर वडियार वंश के बालक को मैसूर की गद्दी पर बैठाया । शायद फिर एकबार वह युग लौटने को है ।
3. मुलायम सिँह यादव:- आइये अब इनके गुण देखेँ । इनका मुँह जब भी खुलता है तो उससे केवल दो ही शब्द फूटते हैँ : अल्पसँख्यक और साम्प्रदायिक ताकतेँ । यानि इनकी सोच यहीँ तक सीमित है । अन्य चीजोँ से इन्हेँ कोई लेना देना नहीँ । नफरत की खाद छिङककर वोटोँ की फसल काटने को सदा बेकरार ।
4. मायावती : इनकी सोच के तो क्या कहने । ये इतिहास मेँ महान सम्राट अशोक की तरह अमर होना चाहती हैँ । यानि कि जब आज से दो चार हजार साल आगे पुरातत्व विभाग खुदाई करे या कोई जेम्स प्रिसेँप अपना अनुसंधान करे तो सम्राट अशोक के तो सिर्फ शिलालेख मिले थे, इनकी मूर्तियाँ व हाथी बरामद होँ । एक जाति विशेष तक इनका दिमाग दौङता है बाकि सब शून्य ।
5. अरविन्द केजरीवाल :- इनकी हालत उस बल्लेबाज की तरह है जो शुरू के एक दो ओवरोँ मे तेजी से रन बटोर लेता है लेकिन फिर उसे विकेट पर खङा होना दूभर हो जाता है और अफरातफरी कूछ को रन आऊट करा देता है ।
अब जनता को फैसला लेना है कि वह किसकी ताज़पोशी चाहती है ।

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