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मुज़फ्फरनगर दंगोँ की आग अभी पूरी तरह बुझी नहीँ है । दिलोँ के बीच बनी गहरी खाई को पटने मेँ वर्षोँ लग जायेँगे । हाल ही मेँ मेरठ मेँ भङकी चिन्गारी दावानल बनते-बनते बच गयी । लेकिन पूरा शहर अन्दर ही सुलग रहा है । हालात ये हैँ कि किस वक्त क्या हो जाये, किसी को पता नहीँ । आज पूरा का पूरा पश्चिम उत्तर प्रदेश बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है । लोगोँ के बीच खङी नफरत की दीवार निरन्तर आकाश की ओर बढती जा रही है । ऐसा क्योँ है?
मुजफ्फरनगर घटना का कारण पुलिस की एकतरफा कार्यवाही थी । तो मेरठ की घटना का कारण पुलिस की अकर्मण्यता बनी । पुलिस अधिकारियोँ के समक्ष ही गुण्डे गोलियाँ बरसाते रहे और पुलिस कुछ नहीँ कर पायी । लानत है ऐसी कानून व्यवस्था पर । आज पूरे क्षेत्र मेँ जो विस्फोटक स्थिति है, उसके लिए बहुत हद तक प्रदेश की सपा सरकार जिम्मेदार है । क्योँकि यह सरकार मजहबी वैमनस्यता को मिटाने के स्थान पर उसे बरकरार रखना चाहती । पीङितोँ को मुआवजा देने मेँ भेदभाव, एक विशेष सम्प्रदाय से मुताल्लिक गुनाहगारोँ पर कार्यवाही करने मे शिथिलता आदि तो यही सबूत देते हैँ कि सरकार की नीयत मेँ खोट है । ऐसा क्योँ हो रहा है, आइये इसके कारणोँ पर एक निगाह डालते हैँ ।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश मेँ लगभग 40% मुसलमान हैँ । दूसरे नम्बर पर जाट हैँ । इसके अतिरिक्त दलित, राजपूत, गुर्जर तथा अन्य जातियाँ हैँ । 1990 के राम मन्दिर आन्दोलन के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश भाजपा का गढ बन गया । 1991, 1993, 1996 तथा 1998 के विधान सभा चुनावो मेँ यहाँ भाजपा को जबरदस्त जन समर्थन मिला । बाद मेँ भाजपा धीरे-2 कमजोर पङ गयी तो उसका स्थान बसपा ने ले लिया क्योँकि बसपा नेत्री सुश्री मायावती बादलपुर से हैँ जोकि पश्चिम उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले का एक गाँव है । सपा के पैर इस क्षेत्र मेँ कभी नहीँ जम पाये । मुलायम ने बहुत कोशिश की कि किसी तरह पश्चिम मेँ अपनी पैठ बनायी जाये । जाटोँ को लुभाने के लिए अपनेआप को कभी किसान नेता तो कभी चौधरी चरनसिँह के पुत्र के रूप मेँ पेश करने की कोशिश की । इसी कारण सन 1994 मेँ मेरठ विश्वविद्यालय का नाम बदलकर चौधरी चरणसिँह विश्वविश्वविद्यालय कर दिया । लेकिन जाट यह नहीँ भूल पाये कि मुलायम सिँह यादव ने 1989 मेँ अजित सिँह को उ0 प्र0 का मुख्यमन्त्री नहीँ बनने दिया था ।
2012 के विधानसभा चुनावोँ मेँ भी पश्चिम उ0 प्र0 मेँ सपा को कोई खास सफलता नहीँ मिली । मुलायम जानते हैँ कि जाट बिरादरी उनके साथ आयेगी नहीँ, दलित मायावती के साथ हैँ, अन्य जातियाँ इधर उधर बँटी हुयी हैँ, यादव जाति प0 उ0 प्र0 मे अल्प मात्रा मेँ है अत यदि मुसलमानोँ को लामबन्द कर लिया जाये तो उत्तर प्रदेश मेँ हमेशा उनका राज रहेगा ।
यही कारण है कि आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश मेँ धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है । मुस्लिमोँ को खास सहूलियतेँ दी जा रही हैँ, उनके अपराधोँ को अनदेखा किया जा रहा है । ताकि सभी मुस्लिम सपा से जुङ जायेँ । लेकिन मुलायम को याद रखना चाहिए कि आग से खेलने वाला एक दिन स्वयँ अग्नि मेँ स्वाहा हो जाता है ।
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